۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
लेबनान

हौज़ा/लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के उपाध्यक्ष ने कहा है कि प्रतिरोध ने हमें सिखा दिया कि अपने हक़ को ताकत के बल पर वापस लिया जा सकता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,शेख़ नईम क़ासिम ने वर्ष 2006 में जायोनी शासन से 33 दिवसीय युद्ध में हिज़्बुल्लाह को मिलने वाली सफलता की ओर संकेत किया और बल देकर कहा कि प्रतिरोध ने हमें सिखा दिया कि हक़ को ताक़त के बल पर वापस लेना चाहिए

अलअहद वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार शेंख नईम कासिम ने कहा कि जुलाई 2006 में 33 दिवसीय युद्ध में लेबनान को मिलने वाली सफलता ने सेना, जनता और प्रतिरोध की ताकत को साबित कर दिया और अगर प्रतिरोध न होता तो लेबनान का एक भाग इस्राईल के अतिग्रहण में रहता और दूसरा भाग पश्चिम और अमेरिका के अतिग्रहण में होता और लेबनान आज अपना मालिक न होता और न ही वह वर्ष 2006 में दुश्मन को अपने लक्ष्यों तक पहुंचने से रोक पाता।

शैख नईम कासिम ने बल देकर कहा कि दुश्मन आज प्रतिरोध की ताकत से डरता है जिसकी वजह से वह मुद्रा की हालत में रहता है।

उन्होंने कहा कि अगर यह बलिदान व त्याग न होता तो दुश्मन हर रोज़ लेबनान के एक भाग पर कब्ज़ा करने की कोशिश करता पंरतु हमारे प्रतिरोध ने जायोनी शासन को सिखा दिया कि लेबनान इस शासन के मुकाबले में है और वह ईश्वर की कृपा व इच्छा से अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकता है।

उन्होंने कहा कि प्रतिरोध के जवानों के होते हुए अहंकारी और जायोनी शासन अपने अतिग्रहण को जारी नहीं रख सकते।

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